मिट्टी (मृदा) किसे कहते हैं? मिट्टी का अर्थ, महत्व एवं विशेषताएँ – Mitti Kise Kahate Hain

नमस्कार दोस्तो आज हम आपको बताएंगे मृदा (मिट्टी) के बारे में कि Mitti Kise Kahate Hain एवं मिट्टी का अर्थ क्या है और इसकी विशेषताएं कौन-कौन सी हैं तो चलिए शुरू करते हैं-

मृदा (मिट्टी) किसे कहते हैं? या मिट्टी का अर्थ / Mitti Kise Kahate Hain

धरातल के उस ऊपरी भाग को मिट्टी कहते हैं जिसकी रचना शैलों के टूटने तथा वनस्पति अंश के सड़-गल जाने से होती है और जिसमें पौधों के लिए आवश्यक खुराक संचित रहती है।

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अमेरिकी प्रसिद्ध मृदाविद बैनेट के अनुसार, “भू पृष्ठ पर स्थित असंगठित पदार्थों की ऊपरी परत जो मूल शैलों और वनस्पति के योग से बनी है, मिट्टी कहलाती है।

दोस्तों अभी हमने बात की है मिट्टी के बारे में कि Mitti Kise Kahate Hain

तो चलिए बात करते हैं मिट्टी के निर्माण या संरचना के बारे में-

मिट्टी का निर्माण / Mitti Ka Nirmaan Kaise Hota Hai


मिट्टी का निर्माण उसका रंग, उसकी बनावट, गहराई, प्राकृतिक एवं रासायनिक गठन जलवायु, वनस्पति एवं अन्य बाह्य प्राकृतिक अवयवों के कारण भिन्न होता है।

वैसे मृदा का निर्माण मूल चट्टानों के विखंडित पदार्थों, जीवाश्मों एवं वनस्पति के सड़े-गले अंशु से लाखों वर्षों में होता है।

मृदा की रचना मूल चट्टानों से होने के कारण इनका रूप रंग मूल चट्टानों से भिन्न होता है क्योंकि इनके विकास में सूर्यातप, जलवायु, रासायनिक तत्व भी सहायक होते हैं। मूल शैलों के साथ-साथ अपक्षय, अपरदन, वनस्पति कीटाणु आदि भी इसको प्रभावित करते हैं।

मुख्यतः मृदा की रचना दो तत्वों से हुई है 1. खनिज, 2.ह्यूमस

खनिज तत्व मृदा में मूल चट्टानों से प्राप्त होते हैं जबकि ह्यूमस वनस्पति, जीवधारियों आदि से प्राप्त होती है। ये दोनों तत्व मृदा को उपजाऊ बनाते हैं।

ह्यूमस में अनेक सूक्ष्म कीटाणु होते हैं जिन्हें बैक्टीरिया कहते हैं। ये इतने सूक्ष्म होते हैं कि एक ग्राम मिट्टी में इनकी संख्या तीन से चार करोड़ तक हो सकती है। ये मृदा के कणों को अति सूक्ष्म कणों में बदल देते हैं जिससे वनस्पति अपना आहार आसानी से ग्रहण कर सके।

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उपजाऊपन :-

सूक्ष्म कणों वाली मृदा जो अधिक समय तक नमी संचित रख सके उपजाऊ होती है क्योंकि जल ही वनस्पति का जीवन है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में जहां वनस्पति सड़-गल कर मृदा में मिल जाती है मृदा उपजाऊ होती है।

जबकि कठोर कणों वाली, जल को संचित ना रख सकने वाली शुष्क प्रदेशों की मृदा अनुपजाऊ होती है क्योंकि इसमें ह्यूमस की मात्रा कम होती है।

चलिए अब बात कर लेते हैं मृदा के महत्व के बारे में की मृदा का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

मृदा का महत्व (Importance Of Soil) / Mitti Ka Mahatva :-

मिट्टी मानव जीवन का मूल आधार है जिस पर जीवन की आवश्यकताएँ भोजन, वस्त्र और आवास की पूर्ति होती है। मिट्टी भूतल पर सर्वाधिक मनुष्योपयोगी वस्तु है। मानव इसी पृथ्वी की संतान है।

मनुष्य की शिक्षा-दीक्षा और सभ्यता का विकास मिट्टी से हुआ है। विद्वान विल्कास ने तो मानव सभ्यता के इतिहास को मिट्टी का इतिहास बताया है। मिट्टी का महत्व निम्नलिखित तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है-

  • अधिक उर्वरता वाली गहरी मृदा अत्यंत समृद्ध एवं विविधता पूर्ण कृषि अर्थव्यवस्था को जन्म देती है।
  • मिट्टी का उपयोग अनेक जीवन उपयोगी वस्तुओं के निर्माण में कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
  • भवन निर्माण सामग्री (ईंट) मृदा से प्राप्त होती है।
  • अनेक उद्योगों के लिए कच्चा माल मृदा से प्राप्त होता है।
  • मृदा में ही खाद्यान्न उत्पादन करके बढ़ती हुई जनसंख्या का भरण पोषण किया जाता है।
  • मिट्टी में विभिन्न प्रकार की वनस्पति उगती है जिससे अनेक लाभ होते हैं।
  • मिट्टी पशुपालन एवं शाकाहारी लोगों के जीवन का आधार है।

यह थी कुछ मृदा के महत्व के बारे में जानकारी और चलिए अब बात करते हैं मृदा की विशेषताओं के बारे में।

यह भी पढ़ें मिट्टी कितने प्रकार की होती है?

मृदा की विशेषताएं (Characteristics Of Soil) / Mitti Ki Visheshtayen :-

भारतीय मृदा की निम्नलिखित विशेषताएं हैं –

  • भारतीय मिट्टी प्राचीन एवं परिपक्व है।
  • भारतीय मिट्टी के निर्माण में पैतृक शैलें एवं जलवायु का हाथ है।
  • अधिकांश भारतीय मिट्टी प्राचीन एवं जालोढ़ है।
  • अधिकांश मिट्टियों में नाइट्रोजन, जीवांश एवं खनिज लवणों में कमी पाई जाती है।
  • पहाड़ी भागों की मिट्टी पथरीली और अनुपजाऊ होती है जबकि मैदानी भागों में मिट्टी महीन और उपजाऊ होती है।
  • शुष्क जलवायु के कारण मिट्टियों में सिंचाई की जरूरत पड़ती है।
  • निरंतर कृषि के कारण भारत की मिट्टियों में उर्वरता के ह्रास की समस्या गंभीर है।
  • भारत में मृदा अपरदन भी एक समस्या है।

तो दोस्तों यह थी मृदा का अर्थ, मृदा का महत्व एवं मृदा की विशेषताओं के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी।

निष्कर्ष:

आज के इस लेख में हमने जाना है Mitti Kise Kahte Hain, मिट्टी (मृदा) का अर्थ क्या है और मृदा का महत्व क्या है तथा मिट्टी की विशेषताएं कौन-कौन सी हैं इसके बारे में छोटी सी जानकारी ली है उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

अगर आपको इससे संबंधित किसी प्रकार की समस्या है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।

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